ग़ौरतलब है कि इस्राईली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतनयाहू अवैध अधिकृत वेस्ट बैंक स्थित अवैध ज़ायोनी कालोनियों और जॉर्डन वैली के इस्राईल में विलय का एलान कर चुके हैं।
इस्राईली प्रधान मंत्री अगर अपने इस वादे पर अमल करते हैं तो फ़िलिस्तीनियों के एक स्वाधीन व स्वतंत्र फ़िलिस्तीन देश की स्थापना का सपना दम तोड़ जाएगा।
अमरीका पहले ही नेतनयाहू के इस फ़ैसले का समर्थन कर चुका है।
इस्राईल में एक साल के राजनीतिक गतिरोध के बाद नेतनयाहू नई सरकार का गठन करने जा रहे हैं, जिसके तुरंत बाद वह अपने इस वादे को व्यवहारिक बनाने की घोषणा कर सकते हैं।
जॉर्डन के किंग अब्दुल्ला द्वितीय ने दर स्पीगल के साथ इंटरव्यू में इस्राईल को अब तक की सबसे बड़ी धमकी दी।
उन्होंने कहाः क्या इस्राईली नेताओं को मालूम है कि अगर फ़िलिस्तीनी ऑथॉरिटी का पतन हो गया तो क्या होगा? क्षेत्र में अधिक अराजकता और उग्रवाद को बढ़ावा मिलेगा। जुलाई में अगर इस्राईल ने सही में वेस्ट बैंक का विलय करने की ग़लती की तो उसका जॉर्डन के साथ बड़ा टकराव होगा।
ग़ौरतलब है कि जॉर्डन अमरीका और पश्चिमी देशों का मित्र देश है और वह केवल उन दो अरब देशों में से एक है, जिन्होंने इस्राईल के साथ शांति समझौता कर रखा है।
हालांकि उन्होंने इस समझौते को रद्द करने के बारे में कुछ नहीं कहा।
किंग अब्दुल्लाह का कहना था कि हमारी कई यूरोपीय देशों के साथ इस बात पर सहमति बनी है कि हम पश्चिम एशिया में जिसकी लाठी उसकी भैंस वाला नियम नहीं चलने देंगे।
मिडिल ईस्ट इंस्टीट्यूट में वरिष्ठ शोधकर्ता ख़ालिद अल-क़िंदी का कहना है कि इस्राईल अगर अपनी इस योजना पर आगे बढ़ता है तो जॉर्डन की राजशाही ख़तरे में पड़ सकती है।
उन्होंने कहा, जब किंग ख़ुद बाहर निकलकर अनिवार्य रूप से इस्राईल के साथ संधि करता है और उसके साथ संबंध स्थापित करता है, तो अब यह क़दम उसके लिए बहुत भारी पड़ेगा।